अक्सर मुझे इस बातका होश नहीं होता कीमेरे आस पास क्या होरहा है क्यूकी मैंहर वक़्त अपने खुद केख्यालो मैं ही खोया/खोयी रहती हूँ।मुझे जल्दी सेनींद नहीं आतीहै क्युकी मेरादिमाग कभी बंदही नहीं होता हैमैं अपनीगलतियों केबारे मे बहुतज़ादा सोचती/सोचता हूँ।मैं बार बार खुदसे ये पूछती/पूछता रहता हूँकी अगर ये हो गयातो क्या? अगर वोहो गया तो क्या?मैं अपना बहुतसारा टाइम ऐसीचीज़ो के बारे मैंपरेशां होने मैंलगता/लगाती हूँ जोमेरे हाथ मैं नहींहैं।मैं अपनीपरेशानियों सेअपना ध्याननहीं हटा पाती/पता हूँ।मैं अक्सर लोगोकी बातो मैंछुपे मतलब कीढूंढती/ढूंढतारहता हूँ ।जब कोई ऐसे करता याबोलता है जैसामुझे पसंद नहीं,मैं उसके बारे मैंबहुत ज़ादा सोचती/सोचता हूँ।मैं बार बारअपने मन मैंबुरी यादोंको दोहरातीरहती हूँअक्सर मुझे इस बातका होश नहीं होता कीमेरे आस पास क्या होरहा है क्यूकी मैंहर वक़्त अपने खुद केख्यालो मैं ही खोया/खोयी रहती हूँ।मुझे जल्दी सेनींद नहीं आतीहै क्युकी मेरादिमाग कभी बंदही नहीं होता हैमैं अपनीगलतियों केबारे मे बहुतज़ादा सोचती/सोचता हूँ।मैं बार बार खुदसे ये पूछती/पूछता रहता हूँकी अगर ये हो गयातो क्या? अगर वोहो गया तो क्या?मैं अपना बहुतसारा टाइम ऐसीचीज़ो के बारे मैंपरेशां होने मैंलगता/लगाती हूँ जोमेरे हाथ मैं नहींहैं।मैं अपनीपरेशानियों सेअपना ध्याननहीं हटा पाती/पता हूँ।मैं अक्सर लोगोकी बातो मैंछुपे मतलब कीढूंढती/ढूंढतारहता हूँ ।जब कोई ऐसे करता याबोलता है जैसामुझे पसंद नहीं,मैं उसके बारे मैंबहुत ज़ादा सोचती/सोचता हूँ।मैं बार बारअपने मन मैंबुरी यादोंको दोहरातीरहती हूँ

खुद से पहचान - Call List

(Print) Use this randomly generated list as your call list when playing the game. There is no need to say the BINGO column name. Place some kind of mark (like an X, a checkmark, a dot, tally mark, etc) on each cell as you announce it, to keep track. You can also cut out each item, place them in a bag and pull words from the bag.


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  1. अक्सर मुझे इस बात का होश नहीं होता की मेरे आस पास क्या हो रहा है क्यूकी मैं हर वक़्त अपने खुद के ख्यालो मैं ही खोया/ खोयी रहती हूँ।
  2. मुझे जल्दी से नींद नहीं आती है क्युकी मेरा दिमाग कभी बंद ही नहीं होता है
  3. मैं अपनी गलतियों के बारे मे बहुत ज़ादा सोचती/सोचता हूँ।
  4. मैं बार बार खुद से ये पूछती/पूछता रहता हूँ की अगर ये हो गया तो क्या? अगर वो हो गया तो क्या?
  5. मैं अपना बहुत सारा टाइम ऐसी चीज़ो के बारे मैं परेशां होने मैं लगता/लगाती हूँ जो मेरे हाथ मैं नहीं हैं।
  6. मैं अपनी परेशानियों से अपना ध्यान नहीं हटा पाती/पता हूँ।
  7. मैं अक्सर लोगो की बातो मैं छुपे मतलब की ढूंढती/ढूंढता रहता हूँ ।
  8. जब कोई ऐसे करता या बोलता है जैसा मुझे पसंद नहीं, मैं उसके बारे मैं बहुत ज़ादा सोचती/सोचता हूँ।
  9. मैं बार बार अपने मन मैं बुरी यादों को दोहराती रहती हूँ